India News MP(इंडिया न्यूज), Bhopal News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डीजे की तेज आवाज को लेकर सख्त निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश के बाद भोपाल में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। तेज आवाज में डीजे बजाने वाले 91 संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
आपको बता दें कि पुलिस ने डीजे संचालकों को तय समय सीमा और तय डेसिबल में ही डीजे चलाने की सलाह दी थी। त्योहारी सीजन के दौरान पुलिस लगातार निगरानी रख रही थी और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जा रही थी। नियमों के बावजूद डीजे संचालकों ने नियमों का उल्लंघन किया। पुलिस की वीडियोग्राफी में 91 ऐसे डीजे संचालक मिले जो तय वॉल्यूम से ज्यादा आवाज में डीजे बजा रहे थे। पुलिस ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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कलेक्टर ने जारी की थी ये गाइडलाइन
भोपाल में डीजे साउंड को लेकर कलेक्टर ने गाइडलाइन तय की थी, जिसके तहत सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र में ध्वनि की सीमा 75 डेसिबल, व्यावसायिक क्षेत्र में 65 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र में 55 डेसिबल और शांत क्षेत्र में 50 डेसिबल तय की गई थी। इसके लिए एसडीएम, थाना प्रभारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निगरानी करने के निर्देश दिए गए थे।
ये है साइलेंट जोन
कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि भोपाल के 31 अस्पतालों के आसपास साइलेंस जोन घोषित किया गया है। साइलेंस जोन में राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, विधानसभा भवन, नर्मदा भवन, संभागायुक्त और कलेक्टर कार्यालय, जिला न्यायालय, सभी शैक्षणिक संस्थान, बैंक कार्यालय शामिल हैं, जहां 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकेगा।
91 के खिलाफ कार्रवाई की गई
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के अनुसार, निर्धारित डेसिबल से अधिक आवाज में डीजे बजाने पर 91 डीजे संचालकों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। सभी डीजे वाहनों को जब्त कर न्यायालय में पेश किया जाएगा।