India News (इंडिया न्यूज), MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने OBC को 27% आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने इससे पहले लागू की गई आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट की जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिका में एक्ट को नहीं, बल्कि सर्कुलर को चुनौती दी गई थी। राज्य में ओबीसी आरक्षण के विरोध और समर्थन में कुल 76 याचिकाएं दायर की गई थीं इनमें सरकारी भर्तियों और नियुक्तियों में 87:13 फॉर्मूले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने पहले की सुनवाइयों में 27% ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाई थी, जिसे अब भी जारी रखा गया है।

Delhi elections 2025: मनीष सिसोदिया का बड़ा दावा, कहा- ‘AAP की सरकार बनने पर हर परिवार को…’

87:13 फॉर्मूले पर मिली अनुमति

आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में से दो *यूथ ऑफ इक्वालिटी* संगठन की ओर से दाखिल की गई थीं। हाईकोर्ट ने इनमें से एक पर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया में 87:13 फॉर्मूले को लागू करने की अनुमति दी है। इसके तहत 87% पदों पर नियुक्तियां सामान्य तरीके से की जाएंगी, जबकि 13% पदों के लिए अलग से मेरिट लिस्ट बनेगी। हालांकि, इन 13% पदों पर अभी नियुक्ति नहीं की जाएगी।

कमलनाथ का भाजपा पर हमला

इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह आरक्षण मेरी सरकार ने 2019 में लागू किया था। भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश रची।” कमलनाथ ने मांग की कि प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण पूरी तरह लागू होना चाहिए।