India News (इंडिया न्यूज),Gwalior News: ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी का एक और बड़ा कारनामा सामने निकलकर आया है।  यहां चपरासी के पद पर नाबालिग को ही नौकरी दे दी गई। विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी पद पर शिवराज शर्मा नाम के युवक की भर्ती उस वक्त कर ली गई जब उसकी उम्र महज 17 साल 8 महीने 16 दिन थी। अब मामले का खुलासा होने के बाद जीवाजी यूनिवर्सिटी ने जांच कमेटी बना दी है। दरअसल, ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में सम्बद्धता फर्जीबाड़े सहित अन्य बड़े भ्रष्टाचार सामने आ चुके हैं।  इस बीच ही जीवाजी विश्वविद्यालय का एक और बड़ा काला कारनामा उजागर हुआ है।

पदों पर भरती की जानी थी

आपको बता दें कि विश्वविद्यालय ने दिव्यांगता भर्ती अभियान के दौरान 1 नाबालिग की भर्ती कर ली। चतुर्थ श्रेणी पद पर शिवराज शर्मा नाम के युवक की भर्ती उसे समय की गई जब वह सिर्फ 17 साल 8 महीने और 16 दिन का था।  विश्वविद्यालय ने 8 जुलाई 2024 को विशेष भर्ती अभियान के तहत विज्ञापन जारी किया था, जहां तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के साथ पदों पर भरती की जानी थी।

1150 आवेदन आए थे

आपको बता दें कि इस पोस्ट के लिए 1150 आवेदन आए थे, जिनमें शिवराज का चयन चौकीदार के लिए किया गया था। नियम और शर्तों के तहत आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2024 की स्थिति में 18 साल होनी चाहिए थी, लेकिन उम्र कम निकलने पर भी स्क्रुटनी कमिटी और इंटरव्यू कमेटी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। जब ऑडिट शाखा ने इस घोटाले को पकड़ा तो वेतन जारी करने पर रोक लगा दी। अब जब मामला चर्चाओं में आया तो विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के निर्देश पर मामले की जांच करने के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।