India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा में आयोजित मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर एक अप्रत्याशित सियासी ड्रामे का गवाह बन गया। भाजपा की वरिष्ठ विधायक उमा देवी खटीक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बीच मंच पर हुई तीखी नोकझोंक ने पूरे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है।

मंच पर पहुंचते ही उमा देवी ने दिखाया गुस्सा

शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची भाजपा विधायक उमा देवी खटीक ने जैसे ही मंच पर नेताओं को बैठा देखा, उनका गुस्सा फूट पड़ा। नाराजगी भरे लहजे में उन्होंने इशारों-इशारों में शिवचरण पटेल समेत अन्य नेताओं को मंच से उतरने को कहा। अपमान महसूस करते हुए पटेल और अन्य नेता मंच छोड़कर पहली पंक्ति में जाकर बैठ गए।

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शिवचरण पटेल ने मंच से किया पलटवार

घटनाक्रम यहीं नहीं रुका जब अपनी बारी आई, तो शिवचरण पटेल ने माइक संभालते ही तीखे शब्दों में विधायक को जवाब दिया। उन्होंने कहा, *”पद का घमंड ज्यादा दिन नहीं चलता। मंच की राजनीति करने से कुछ नहीं होगा।”* पटेल के इस बयान ने शिविर की गरिमा को भंग करते हुए माहौल को और गरमा दिया।

महिला प्रतिनिधियों के सम्मान की बात

मीडिया के सवालों पर विधायक उमा देवी खटीक ने सफाई दी कि उनका मकसद केवल महिला जनप्रतिनिधियों को उचित स्थान दिलाना था। उन्होंने कहा, “महिलाओं का सम्मान सबसे पहले है। जो मैंने किया, उसमें कोई गलत बात नहीं।” इस घटना ने भाजपा के भीतर गुटबाजी और असंतोष को सतह पर ला दिया है। स्थानीय राजनीति में इसे शक्ति प्रदर्शन और आंतरिक मतभेद का संकेत माना जा रहा है। जनकल्याण शिविर का उद्देश्य भले ही सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना था, लेकिन यह कार्यक्रम एक सियासी अखाड़ा बन गया। अब देखना यह है कि यह विवाद पार्टी के अंदर कितनी गहराई तक असर डालता है।