India News(इंडिया न्यूज),Gwalior:मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठित जीवाजी यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है। EC (कार्यपरिषद) मेंबरों और कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी के बीच तनाव अपने चरम पर है EC मेंबरों ने कुलगुरु पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि PHD प्रवेश परीक्षा का पेपर आउट हुआ था। यह आरोप तब और गंभीर हो गया जब मेंबरों ने दावा किया कि पेपर के उत्तर कुछ छात्रों को व्हाट्सएप पर भेजे गए थे।

EC मेंबरों ने कुलगुरु से मांगा था जवाब

19 दिसंबर को राज्यपाल कोटे के 5 EC मेंबरों – डॉ. रवि अंबे, विवेक भदौरिया, प्रदीप शर्मा, संजय यादव, और सेवंती भगत ने कुलगुरु को पत्र लिखकर 7 बिंदुओं पर 3 दिनों के भीतर जवाब मांगा था। इनमें PHD प्रवेश परीक्षा और शारीरिक शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी शामिल थी। हालांकि, कुलगुरु ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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राज्यपाल के पास जाएगा मुद्दा

EC मेंबरों का आरोप है कि पेपर लीक के कारण योग्य और मेहनती छात्रों के साथ अन्याय हुआ। मेंबरों ने कहा कि उनके पास साक्ष्य मौजूद हैं और जरूरत पड़ने पर वे इस मामले को राज्यपाल तक ले जाएंगे। इस बीच, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. अरुण चौहान ने इन आरोपों से अनभिज्ञता जताई है। उनका कहना है कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है।

कुलगुरु ने नहीं दिया खर्चो का हिसाब

यह विवाद केवल PHD प्रवेश परीक्षा तक सीमित नहीं है। EC मेंबरों ने जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा के अनावरण पर हुए खर्च और यूनिवर्सिटी मेस टेंडर रद्द होने के बाद खानपान के खर्च से जुड़ी जानकारी भी मांगी थी, जो अभी तक नहीं दी गई है। यह पहली बार नहीं है जब कुलगुरु पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों इससे पहले NSUI और ABVP भी उन पर ऐसे ही आरोप लगाती रही हैं।