India News Delhi (इंडिया न्यूज़), MP Budget Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की अवधि को लेकर सियासत गर्म हो गई है। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात कर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। कांग्रेस ने बजट सत्र को कम से कम 21 दिनों का करने का आग्रह किया है, ताकि जनहित के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा संभव हो सके।

बजट सत्र केवल 9 दिन, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की अधिसूचना 6 फरवरी 2025 को जारी की गई थी, जिसके अनुसार 10 मार्च से 24 मार्च तक केवल 9 बैठकें प्रस्तावित हैं। कांग्रेस का तर्क है कि इतने कम दिनों में राज्यपाल के अभिभाषण, बजट पर सामान्य चर्चा, अनुदान मांगों और अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पूरा करना संभव नहीं होगा। कांग्रेस का कहना है कि पूर्व में बजट सत्र की अवधि अधिक रही है और बिना किसी आपातकालीन स्थिति के इसे सिर्फ 9 दिनों तक सीमित करना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने जैसा है।

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राज्यपाल से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में *उपनेता हेमंत कटारे, विधायक आरिफ मसूद, विधायक फूलसिंह बरैया और कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट भी शामिल रहे। कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन में साफ कहा कि बजट सत्र की छोटी अवधि जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाकर 21 दिन किया जाए।

क्या सरकार मानेगी कांग्रेस की मांग?

मध्य प्रदेश में इतिहास में पहली बार बजट सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है, जिससे विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। अब देखना होगा कि *शिवराज सरकार कांग्रेस की इस मांग को स्वीकार करती है या नहीं। विपक्ष ने यह भी संकेत दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे सदन और सड़क—दोनों जगह सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेंगे।