India News (इंडिया न्यूज), Death Of Elephants: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में 10 हाथियों की रहस्यमय मौत ने सबको चौंका दिया है। इस घटना पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंभीर रुख अपनाते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। एनजीटी ने इस मामले में प्रदेश और केंद्र के संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव को भेजा नोटिस

शुरुआती जांच में पता चला है कि हाथियों की मौत का कारण दूषित कोदो बाजरा हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोदो में फंगल संक्रमण के कारण मायकोटॉक्सिन उत्पन्न हुआ, जो विषाक्त होता है। इसे खाने से हाथियों के लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ा और उनकी मौत हो गई। एनजीटी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन्यजीव संरक्षक, उमरिया कलेक्टर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव को नोटिस भेजा है। सभी विभागों को हलफनामे के रूप में जवाब देने को कहा गया है।

Jhansi Fire Accident: झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे पर सरकार ने राहत कोष से सहायता देने का किया ऐलान

हाथी की सुरक्षा के लिए कोई पर्याप्त कदम नहीं

विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान कोदो जैसे अनाज में फंगल संक्रमण आम है, जो न केवल जानवरों बल्कि मनुष्यों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं और मृत्यु तक हो सकती है। वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि 2017-18 से हाथी मध्य प्रदेश में स्थायी रूप से रहने लगे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने यह भी कहा कि मानव-हाथी संघर्ष को रोकने और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। भारत सरकार को राज्यों के बीच हाथी संरक्षण और प्रबंधन पर समन्वय करना चाहिए।

जनजातीय गौरव दिवस पर सीएम विष्णुदेव साय ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं, आदिवासी समाज का किया समर्थन