India News (इंडिया न्यूज),MP: न्यू ईयर सभी के जीवन में खास महत्व रखता है यही बड़ी वजह है कि हर कोई नए साल का दिल खोलकर स्वागत करता है। हर कोई अपने परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों के साथ मिलकर नए साल के इस खास मौके को नए रंगों, नई उमंग और उत्साह के साथ सेलिब्रेट करना चाहता है। ऐसे खास मौकों पर वैसे तो पूरा ग्वालियर शहर और होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल सज-धजकर तैयार हैं।

किले तक पहुंचाने के 2 रास्ते हैं

आपको बता दें कि ग्वालियर का ऐतिहासिक किला गोपांचल पर्वत को काटकर बनाया गया है। यह किला देश के सबसे अभेध, सुरक्षित, बेजोड़ और सबसे बड़े किलो में शामिल है। ग्वालियर किले को मुगल सम्राट बाबर ने देश के किलो के बीच मोती की संज्ञा दी थी। लाल पत्थर से बने इस ऐतिहासिक किले की नींव कछवाहा राजा सूरज सेन ने रखी थी।

काफी महत्वपूर्ण है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नए साल में परिवार के साथ ऐतिहासिक किले पर घूमने के लिए कई खास महत्व की ऐतिहासिक धरोहरे हैं जिनमें राजा मानसिंह पैलेस, गुजरी महल, सास बहू का मंदिर, सूरजकुंड, तेली का मंदिर, चतुर्भुज मंदिर जिस पर पहली बार शून्य लिखा, किले की दीवारों पर उकेरी गई जैन तीर्थंकर मूर्तियो के अलावा दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा काफी महत्वपूर्ण है।

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