India News (इंडिया न्यूज),Gaurav Bhima Nayak 148th Martyrdom Day: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय गौरव भीमा नायक के 148वें बलिदान दिवस पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित की। बड़वानी जिले के धाबा बावड़ी गांव में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने भीमा नायक के योगदान को नमन करते हुए कहा कि उनका संघर्ष जनजातीय समाज की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए एक प्रेरणा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीमा नायक ने आजादी की लड़ाई में जनजातीय समाज को संगठित किया और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अंत तक समझौता नहीं किया।
अंग्रेजों के खिलाफ नायक का अदम्य साहस
भीमा नायक ने तात्या टोपे जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं। उनका कार्यक्षेत्र बड़वानी से लेकर महाराष्ट्र के खानदेश तक फैला था। अंबापानी युद्ध में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सलोदा में युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने धोखे से उन्हें बंदी बना लिया और कालापानी की सजा सुनाई। लंबे समय तक प्रताड़ना सहने के बाद उन्होंने जेल में वीरगति प्राप्त की।
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आदिवासी कल्याण के लिए सरकार का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, आवास सहायता और विदेश में अध्ययन के लिए मदद दी जा रही है। स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सड़क विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हाल ही में “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है।
शहीद भीमा नायक के सम्मान में पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बड़वानी के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का नामकरण शहीद भीमा नायक के नाम पर किया है। धाबा बावड़ी गांव में भीमा नायक प्रेरणा केंद्र स्थापित कर उनकी विरासत को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भीमा नायक का बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा।
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