India News (इंडिया न्यूज),Gwalior Gas Explosion News: ग्वालियर में सोशल मीडिया पर वायरल होने की सनक ने एक भयानक हादसे को जन्म दे दिया। शहर के भिंड रोड स्थित ‘द लेगेसी प्लाजा’ में देर रात 2:15 बजे हुए भीषण विस्फोट में 8 फ्लैट्स जलकर खाक हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब एक महिला और उसके देवर ने सोशल मीडिया रील बनाने के लिए एलपीजी गैस लीक कर दी। गैस लीक के कारण हुए जबरदस्त धमाके में दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 287 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कैसे हुआ यह भयानक हादसा?
ग्वालियर के ‘द लेगेसी प्लाजा’ की पहली मंजिल पर रहने वाली रंजना जाट और उसके 38 वर्षीय देवर अनिल जाट ने एक खतरनाक वीडियो बनाने की कोशिश की। जानकारी के अनुसार, रंजना ने एलपीजी सिलेंडर से गैस लीक करनी शुरू कर दी, जबकि अनिल इस पूरी घटना को अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर रहा था। करीब 17 मिनट तक गैस लीक होती रही, जिससे पूरा फ्लैट एक गैस चैंबर में तब्दील हो गया। इसके बाद अनिल ने बेहतर रोशनी के लिए जैसे ही सीएफएल बल्ब जलाने की कोशिश की, चिंगारी निकली और सिलेंडर में धमाका हो गया।
भीषण धमाके में तब्दील हुआ स्टंट
इस धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि रंजना का वन-बीएचके फ्लैट पूरी तरह बर्बाद हो गया। इसके अलावा, आसपास के सात अन्य फ्लैट्स भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि सात मंजिला इमारत में कई जगह दरारें आ गईं। इस हादसे में रंजना और अनिल गंभीर रूप से झुलस गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस जांच में मिले खतरनाक वीडियो
हादसे की जांच में पुलिस ने पाया कि रंजना और अनिल पहले भी इस तरह के खतरनाक स्टंट कर चुके थे। पुलिस ने अनिल का मोबाइल जब्त कर लिया, जिसमें अन्य कई जोखिम भरे वीडियो पाए गए। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 287 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
सोशल मीडिया के लिए जान जोखिम में डालना कितना सही?
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने की सनक लोगों को खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर कर रही है। केवल लाइक्स और व्यूज पाने के लिए लोग न सिर्फ अपनी, बल्कि दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह के खतरनाक स्टंट से बचें और सुरक्षा नियमों का पालन करें, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।