India News (इंडिया न्यूज), MP Rape News: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी रोहित हरियाल को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) महेश कुमार चौहान ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत यह फैसला सुनाया।
कैसे हुआ अपराध का खुलासा?
विशेष लोक अभियोजक देवेन्द्र सिंह ठाकुर के अनुसार,13 सितंबर 2023 को पीड़िता के पिता ने थाना जावर में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा गया कि पीड़िता दोपहर 1:30 बजे पेपर देने के लिए घर से निकली थी, लेकिन स्कूल पहुंची ही नहीं और शाम तक घर भी नहीं लौटी। परिवार ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद पुलिस ने अपहरण की आशंका जताते हुए धारा 363 भादंवि के तहत मामला दर्ज किया।
गुजरात से बरामद हुई पीड़िता
जांच के दौरान, 6 अक्टूबर 2023 को पुलिस ने गुजरात के मोरवी जिले में रंगपुरा व्हाइट सीमेंट से आरोपी रोहित हरियाल के कब्जे से पीड़िता को बरामद किया। पीड़िता के बयान और मेडिकल जांच के आधार पर धारा 366, 376(2)(एन) भादंवि और 5/6 पॉक्सो एक्ट जोड़ी गईं।
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अदालत का कड़ा फैसला
अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों और अंतिम बहस के बाद, अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और 20 साल के सश्रम कारावास के साथ 7,000 रुपये का अर्थदंड लगाया। इसके अलावा, धारा 366 भादंवि के तहत 5 साल की सजा और 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अदालत ने पीड़िता के पुनर्वास और कल्याण के लिए पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी आदेश दिया।
सख्त कानून और जागरूकता की जरूरत
यह मामला बच्चों की सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त कानूनों की आवश्यकता को उजागर करता है। अदालत के इस फैसले से समाज में दुष्कर्म और अपहरण जैसी घटनाओं पर कड़ा संदेश जाएगा कि ऐसे अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।