India News (इंडिया न्यूज), Health and Environment: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 12 ट्रकों में लगभग 37 मीट्रिक टन कचरा पुलिस की निगरानी में रवाना किया जाएगा। यह कचरा पीथमपुर के धार जिले के इंडस्ट्रियल एरिया में जलाया जाएगा, जहां 1200 डिग्री सेल्सियस तापमान पर इसे फर्नेस में जलाने की तैयारी है। इस दौरान, कचरे से होने वाले प्रदूषण की जांच भी की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि यह कचरा बुधवार तक पीथमपुर पहुंच जाएगा।
कचरे को जलाने की योजना लंबे समय से
कचरे में विभिन्न प्रकार के जहरीले तत्व पाए जा रहे हैं। इसमें 162 मीट्रिक टन मिट्टी, 92 मीट्रिक टन सेविन और नेफ्थॉल के अवशेष, 54 मीट्रिक टन सेमी प्रोसेस्ड पेस्टीसाइड और 29 मीट्रिक टन रिएक्टर के अवशेष शामिल हैं। इस कचरे को जलाने की योजना लंबे समय से चल रही थी, लेकिन अब इसके खिलाफ विरोध भी तेज हो गया है।
कचरे न जलने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर
इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एलुमिनी एसोसिएशन ने इस कचरे को जलाने के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में यह सवाल उठाया गया है कि इस कचरे को जलाने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी पूछा कि जो कचरा भोपाल में जहरीला साबित हुआ है, वह पीथमपुर में कैसे सुरक्षित हो सकता है?
जनता और विभिन्न संगठनों ने लगातार चिंता जताई
यूनियन कार्बाइड गैस कांड के बाद भोपाल में बचा कचरा हटाने के लिए कई बार प्रयास किए गए हैं। इस बार सरकार ने पीथमपुर को कचरा जलाने के लिए उपयुक्त स्थान मानते हुए इस प्रक्रिया को शुरू किया है। हालांकि, कचरे के जलाने को लेकर जनता और विभिन्न संगठनों द्वारा लगातार चिंता जताई जा रही है। अब यह देखना होगा कि अदालत इस मुद्दे पर क्या फैसला देती है और इस कचरे को जलाने से होने वाले संभावित खतरों का क्या समाधान निकाला जाएगा।