India News (इंडिया न्यूज), Indore Crime: मध्य भारत का प्रमुख शहर इंदौर, जो शिक्षा और व्यापार का केंद्र है, अब नशे के अवैध कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है। यहां नशे का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है। इस साल 1 जनवरी से 15 नवंबर तक इंदौर में 8165 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ जब्त किया गया। इनमें से 7837 किलोग्राम डोडा चूरा था। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 6 गुना अधिक है, जो चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।
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नशे की तस्करी का नया तरीका
अपराधी अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी के लिए कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं पर कम शक होता है, जिससे ड्रग्स आसानी से इंदौर के भीतर पहुंचाया जा रहा है। तस्कर ट्रक, कार और कच्चे रास्तों का इस्तेमाल कर पुलिस की चेकिंग को भी चकमा दे रहे हैं। इंदौर के कई इलाकों में खुले मैदान, बंद इमारतें और गार्डन नशे के अड्डों में बदल गए हैं। गौरी नगर जैसे इलाकों में लोग खुलेआम नशाखोरी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई न के बराबर है।
पुलिस की कोशिशें
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया के अनुसार, पुलिस ने विशेष टीमें बनाकर लगातार कार्रवाई की है। इस साल 78 मामले दर्ज हुए और 97 से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नशे के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने की कोशिशें जारी हैं। नशे की बढ़ती समस्या केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। इसके लिए सामाजिक जागरूकता भी जरूरी है। परिवार, स्कूल, और समाज को मिलकर युवाओं को नशे के खतरे से बचाने के लिए कदम उठाने होंगे। पुलिस को भी सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने और मुखबिर तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।
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