India News (इंडिया न्यूज), Liquor Ban in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब बंदी को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बड़ा बयान जारी किया है। उपमुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि राज्य की आबकारी नीति में साधु-संतों की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा। मंदसौर में मीडिया से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि राज्य में नई शराब नीति साधु-संतों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लागू की जाएगी।
शराबबंदी की दिशा में आगे बढ़ेंगे
उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक कार्य विभाग द्वारा धार्मिक शहरों के रूप में चिह्नित सभी स्थानों पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस ने जहां शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बयान में कहा है कि जहां शराबबंदी लागू होगी, वहां कालाबाजारी बढ़ जाएगी। इस सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीतू पटवारी जो कहें, भगवान ही मालिक है। हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि बजट सत्र नजदीक है, इसलिए हमारी सरकार धार्मिक शहरों के लिए अपनी आबकारी नीति में संशोधन करने और धार्मिक शहरों में शराबबंदी की दिशा में आगे बढ़ने पर विचार कर रही है।
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जगदीश देवड़ा ने अपने आगे कहा कि हम अपने धार्मिक नगरों की सीमा में स्थित आबकारी और शराब की दुकानों को हर कीमत पर बंद करवाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि धार्मिक वातावरण को लेकर आने वाली शिकायतें खत्म हो सकें। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए हम जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेंगे।
क्या कहा सीएम ने?
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नर्मदा नदी के किनारे, नगरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस-मदिरा के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूपपुर जिले के अमरकंटक को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नर्मदा नदी के किनारे स्थित धार्मिक नगरों और स्थलों में मांस-मदिरा का सेवन न हो।