India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। मंदिर में सुबह 4 बजे भगवान महाकाल की भस्मारती के साथ पंचामृत पूजन-अभिषेक हुआ। इस दौरान बाबा महाकाल को रुद्राक्ष, त्रिशूल, त्रिपुंड और फूलों की माला से सजाया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन किए और “जय श्री महाकाल” का जयघोष किया।

त्रिनेत्र, त्रिशूल, रुद्राक्ष और चंदन से श्रृंगार

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल को सबसे पहले गर्म जल से स्नान कराया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत स्नान करवाया गया। प्रथम घंटा बजाकर भगवान को पवित्र जल चढ़ाया गया। पंचामृत स्नान के बाद भगवान महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया। त्रिनेत्र, त्रिशूल, रुद्राक्ष और चंदन के त्रिपुंड से भगवान महाकाल की अलौकिक छवि को सजाया गया।

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भक्तों ने आरती का लिया आनंद

महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संतों ने बाबा महाकाल को भस्म रमाई। इसके बाद कपूर की आरती की गई, जिससे मंदिर का वातावरण भक्तिमय हो गया। भक्तों ने बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती में भाग लिया और भगवान महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन का आनंद लिया। बाबा महाकाल के इस दिव्य श्रृंगार और पूजन-अभिषेक में हजारों भक्त शामिल हुए और उनकी भक्ति में लीन होकर दर्शन का लाभ लिया।

भक्तों का बाबा को भेंट

इस अवसर पर भक्तों ने बाबा महाकाल को रजत मुकुट भेंट किया। मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु की प्रेरणा से एक भक्त ने चांदी का मुकुट मय सूर्य किरण अर्पित किया। इसे मंदिर समिति के सदस्य जितेंद्र पवार ने विधिवत रूप से प्राप्त कर दानदाता को सम्मानित किया। इसके अलावा पंडित दिनेश पुजारी की प्रेरणा से एक और भक्त ने भी चांदी का मुकुट भेंट किया, जिसे समिति के सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने स्वीकार कर दानदाता का सम्मान किया।

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