India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश के उज्जैन जो बाबा महाकाल की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहां स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के भक्तों के लिए हर दिन एक नया अनुभव होता है। विशेष रूप से भस्म आरती का आयोजन, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध है, श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत और दिव्य अनुभव होता है।

महाकाल की मनमोहक छवि

गुरुवार को पौष माह की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि के अवसर पर बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। पुजारी पंडित महेश शर्मा के अनुसार, सुबह चार बजे बाबा महाकाल को जागृत किया गया। इसके बाद, भगवान वीरभद्र और मानभद्र की अनुमति प्राप्त करने के बाद मंदिर के पट खोले गए। इस समय बाबा का पंचामृत स्नान कराया गया, जिसमें दूध, दही, शहद, शक्कर और घी का उपयोग किया गया। स्नान के बाद, बाबा महाकाल को बिल्वपत्र, रुद्राक्ष, और रजत चंद्र तिलक से सजाया गया। इस श्रृंगार के साथ, बाबा महाकाल की मनमोहक छवि ने भक्तों को मोहित कर लिया।

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“जय श्री महाकाल” के जयकारों की गूंज

इसके बाद, बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती के दौरान, पूरे मंदिर परिसर में “जय श्री महाकाल” के जयकारों की गूंज सुनाई दी। भक्तों ने बाबा के दिव्य रूप का दर्शन कर अपनी भक्ति को और गहरा किया और इस अद्भुत अनुभव को आत्मसात किया। कपूर आरती के साथ यह विशेष आरती संपन्न हुई।

भगवान शिव के निर्गुण और सगुण स्वरूप का प्रतीक

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर स्थित है, भगवान शिव के निर्गुण और सगुण स्वरूप का प्रतीक है। इस विशेष भस्म आरती के माध्यम से श्रद्धालुओं को भगवान शिव की दिव्यता का अनुभव होता है, और उनका विश्वास और भक्ति और भी सशक्त होती है। उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन और भस्म आरती में भाग लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं, और यह स्थल हर किसी के दिल में एक विशेष स्थान बनाता है।

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