India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बसंत पंचमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। मंदिर के पट सुबह चार बजे खुलते ही पंडे-पुजारियों ने भगवान महाकाल की प्रतिमाओं का विशेष पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया।
भस्म आरती और भोग अर्पण
महाकाल की भस्म आरती विशेष रूप से आयोजित की गई, जिसमें सरसों के पुष्प और पीले वस्त्र अर्पित किए गए। माँ सरस्वती के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया और फिर मावा, सूखे मेवे और फल अर्पित किए गए। ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढंककर *पवित्र भस्म रमाई गई। इसके बाद केसरिया भात का महाभोग लगाकर भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
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फाग उत्सव की शुरुआत
बसंत पंचमी के अवसर पर महाकाल मंदिर में फाग उत्सव की शुरुआत हो गई, जो होली तक चलेगा। इस उत्सव के दौरान भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित किया जाता है। पुजारी महेश गुरु के अनुसार, महाकाल मंदिर में वर्ष में तीन बार गुलाल उड़ाने की परंपरा* है—बसंत पंचमी, होली और रंग पंचमी पर। इस विशेष आरती में भगवान और भक्तों के बीच गुलाल उड़ाकर वसंत ऋतु का स्वागत किया जाता है।
बच्चों का पाटी पूजन संस्कार
महाकाल मंदिर के साथ-साथ सांदीपनि आश्रम में भी बसंत पंचमी का उत्सव मनाया गया। परंपरा के अनुसार, इस दिन पहली बार विद्या अध्ययन शुरू करने वाले बच्चों का पाटी (स्लेट) पूजन किया गया। मान्यता है कि भगवान बलराम और श्रीकृष्ण ने भी यहीं से अपने शिक्षा जीवन की शुरुआत की थी। इस अवसर पर विद्या आरंभ संस्कार संपन्न कराया गया।
पर्व भव्य रूप से मनाया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बसंत पंचमी का पर्व भव्य रूप से मनाया गया। विशेष भस्म आरती, श्रृंगार, भोग और फाग उत्सव की शुरुआत ने भक्तों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया। यह पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि परंपराओं और संस्कृति से जुड़ने का अवसर भी है।
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