India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब श्रद्धालुओं को भस्म आरती के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मंदिर प्रबंधन समिति ने भस्म आरती की ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिससे यह प्रक्रिया अब सरल और तेज हो गई है। पहले भस्म आरती के लिए श्रद्धालुओं को एक दिन का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है।

समय में हुआ बदलाव

अब श्रद्धालु हर दिन शाम 7 बजे से 9 बजे तक मंदिर के काउंटर से भस्म आरती में भाग लेने के लिए फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं। इससे श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों में खड़ा होकर इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस नए बदलाव के तहत श्रद्धालु आसानी से फॉर्म भरकर भस्म आरती का हिस्सा बन सकेंगे। महाकाल मंदिर के प्रबंधक अनुकूल जैन ने बताया कि यह कदम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उठाया गया है। इससे हर रोज़ भस्म आरती में शामिल होने की प्रक्रिया को और भी सरल बनाया गया है।

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महाकाल का श्रृंगार श्री कृष्ण स्वरूप में

भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन और अभिषेक किया जाता है। इस समय बाबा महाकाल का श्रृंगार श्री कृष्ण स्वरूप में किया गया था। इस विशेष श्रृंगार को देख भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का स्तर और भी ऊंचा हो गया। भस्म आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर “जय श्री महाकाल” और “जय श्री कृष्ण” के जयकारों से गूंज उठता है।

भस्म अर्पित कर आरती का आयोजन

महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा के अनुसार, बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्त सुबह 4 बजे जागने के बाद पूजन सामग्री से उनका श्रृंगार करते हैं। इसके बाद भस्म अर्पित कर आरती का आयोजन होता है, जिससे भक्तों को दिव्य अनुभव प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया से श्रद्धालुओं को अत्यधिक मानसिक शांति और दिव्यता का अनुभव होता है।

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