India News (इंडिया न्यूज), Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश में उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत हो गई है। हर साल बसंत पंचमी के अवसर पर इस उत्सव का शुभारंभ होता है, जिसमें भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित कर आरती की जाती है। यह परंपरा होली और रंग पंचमी तक चलती है, जिसमें भक्तगण और पुजारी मिलकर बाबा महाकाल के साथ होली का आनंद लेते हैं।
माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि
मंगलवार को पौष माह, माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर प्रातः 4 बजे मंदिर के पट खुलते ही विशेष पूजा-अर्चना की गई। भगवान महाकाल का पंचामृत स्नान करवाया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का उपयोग किया गया। इसके बाद विशेष भस्म आरती की गई, जिसमें महानिर्वाणी अखाड़े की परंपरा के अनुसार बाबा को भस्म अर्पित की गई। भक्तों ने “जय श्री महाकाल” और “हर हर महादेव” के जयकारे लगाकर इस शुभ अवसर को और भी भव्य बना दिया।
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गुलाल उड़ाने की विशेष परंपरा
फाग उत्सव के दौरान महाकाल मंदिर में रोजाना विशेष पूजा होती है, जिसमें भगवान को भांग और चंदन से श्रृंगारित किया जाता है। इस दौरान मंदिर में गुलाल उड़ाने की विशेष परंपरा होती है, जिससे भक्तगण स्वयं को भगवान के और करीब महसूस करते हैं। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यह उत्सव भक्तों के लिए आध्यात्मिक उल्लास का अवसर है, जिसमें वे भक्ति भाव से सराबोर होकर भगवान महाकाल की कृपा प्राप्त करते हैं।
साल तीन बार गुलाल आरती
महाकालेश्वर मंदिर में हर साल तीन बार गुलाल आरती होती है—बसंत पंचमी, होली और रंग पंचमी पर। इस परंपरा को देखने और इसमें भाग लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। फाग उत्सव के दौरान मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है, जिससे पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
पुरे शहर में भक्तिमय माहौल
उज्जैन के बाबा महाकाल के इस भव्य उत्सव की शुरुआत होते ही शहर में भक्तिमय माहौल बन गया है। अब अगले 40 दिनों तक भक्तगण इस उत्सव का आनंद लेंगे और बाबा महाकाल के आशीर्वाद से स्वयं को धन्य महसूस करेंगे।
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