India News (इंडिया न्यूज), Makar Sankranti 2025: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भी मकर संक्रांति का पर्व बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आज बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती हुई और बाबा को तिल्ली के लड्डू का भोग लगाया गया। परंपरा अनुसार आज सुबह 4 बजे विश्वप्रसिद्ध ज्योतिलिंग बाबा महाकाल के पट खोले गए। बाबा को गर्म जल से स्नान करवाया गया। इसके बाद सुगंधित द्रव्य, इत्र लेपन, फलों के रस और पंचामृत से अभिषेक किया गया।
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भस्मारती के वक्त महिलाएं करती हैं घूंघट
विजया अर्थात भांग से बाबा का श्रृंगार किया गया। यहां बाबा के ललाट पर आकर्षक त्रिपुंड बनाया गया। कानों में शेषनाग स्वरूप कुंडल पहनाए गए जो कि देखते ही बन रहे थे, इसके बाद बाबा को भस्म रमाने की प्रक्रिया शुरू हुई। भस्मी के पहले स्वेत वस्त्र पहनाएं गए। परंपरा अनुसार महानिर्वाणी अखाड़े की और से संत ने भस्म चढ़ाकर बाबा को भस्मीभूत किया। भस्मारती का यह वह दृश्य था जिसे महिलाओं को देखने पर प्रतिबंध रहता है। इस दौरान महिलाएं घूंघट कर लेती है।
विदेशों से आते हैं भक्त
भस्म चढ़ने के बाद बाबा को आकर्षक वस्त्र पहनाए गए। चांदी के नर मूंडों की माला, गले में विशाल शेषनाग, रुद्राक्ष की माला, चांदी का मुकुट पहनाकर बाबा महाकाल को राजाधिराज स्वरूप में सजाया गया। इसके बाद शुरू होती है आरती जिसे कहते है भस्मारती। डमरू, ढोल, नगाड़े, शंख ध्वनि, घंटे घड़ियाल की मधुर आवाज के बीच, पुजारियों द्वारा मंत्रोचारण के साथ बाबा को आरती की गई। यही वह आरती है जिसे देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भक्त बाबा के दरबार पहुंचते है।