India News (इंडिया न्यूज), Mandideep Entrepreneurs: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मंदिरों को निशाना बनाए जाने के विरोध में मंडीदीप के उद्यमियों ने एक बड़ा और साहसिक कदम उठाया है। अब वे बांग्लादेश को अपने उत्पाद निर्यात नहीं करेंगे। इस निर्णय के पीछे उद्यमियों की देशभक्ति भावना और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानने की सोच है।
800 करोड़ रुपए का वार्षिक निर्यात
मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के करीब 800 करोड़ रुपए के वार्षिक निर्यात पर इस निर्णय का असर पड़ेगा, लेकिन उद्यमियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि व्यापार से ज्यादा महत्वपूर्ण देश की प्रतिष्ठा और नागरिकों की सुरक्षा है। इस क्षेत्र से कुल 27 प्रकार के उत्पाद बांग्लादेश को निर्यात किए जाते थे, जिनमें ट्रैक्टर, बर्तन, ऑर्गेनिक केमिकल्स, स्टील, कागज और प्लास्टिक जैसी चीजें शामिल हैं।
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बांग्लादेश को माल न भेजना
उद्यमियों ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश उनके लिए मुख्य बाजार नहीं है, बल्कि एक अतिरिक्त बाजार है। एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप (एएआईएम) के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल के अनुसार, मंडीदीप से 95% उत्पाद अन्य देशों में निर्यात होते हैं, और बांग्लादेश को माल न भेजने से कारोबार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उत्पादों को ताइवान, कतर और दुबई होगा निर्यात
उद्यमियों ने यह निर्णय लिया है कि अब बांग्लादेश की जगह वे अपने उत्पादों को ताइवान, कतर और दुबई जैसे अन्य देशों में निर्यात करेंगे। डीजीएफटी की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंडीदीप से बांग्लादेश को 784 करोड़ 41 लाख रुपए के उत्पाद भेजे गए थे, लेकिन अब यह निर्यात अन्य देशों की ओर मुड़ जाएगा।