India News (इंडिया न्यूज), MP News: MP के ग्वालियर पुलिस ने डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी के मास्टरमाइंड को छतरपुर से गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि आरोपी पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। मामले में डेढ़ दर्जन आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। मास्टरमाइंड के नहीं पकड़े जाने से कहानी अनसुलझी थी। अब मुख्य आरोपी के पकड़े जाते ही पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस यह पता लगा रही है कि वह 26 महीने तक छतरपुर के अलावा कहां-कहां रहा और उसकी किस-किस ने सहायता की है। दरअसल, हजीरा थाना क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी गया प्रसाद अरजरिया कारोबारी हैं। उनका लेबर सप्लाई का कारोबार है। उनकी 3 फर्म जीपी कंस्ट्रक्शन, मनीष कॉन्ट्रैक्टर और विधि इंटरप्राइजेज हैं। तीनों फर्मों का काम देखने के लिए उन्होंने विनय नगर निवासी अमित समाधिया को मैनेजर बना रखा था।
पुलिस में शिकायत की
काम में उनकी सहायता के लिए विकास राठौर को असिस्टेंट बनाया हुआ था। उनकी फर्म से देशभर में लेबर सप्लाई होती है और अमित और विकास पूरा काम देखते थे।साल 2022 में उसे फर्मों से घाटा होने लगा और सारा पैसा लेबर की सैलरी में जाने लगा। उसे शक हुआ और उसने जांच कराई तो पता चला कि अमित और विकास अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर उसके साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। जब उसने अमित और विकास से स्पष्टीकरण मांगा तो वे गायब हो गए। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत की।
19 आरोपियों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद मामला दर्ज किया। यह भी पता चला कि उन्होंने नौकरी छोड़ने वाले मजदूरों के नाम नहीं हटाए और उनके रिश्तेदारों के खातों में पेमेंट भेजकर धोखाधड़ी कर रहे थे। इस मामले में अमित समाधिया के अलावा पुलिस ने अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन अमित समाधिया की तलाश कर रही पुलिस के पास सिर्फ उसका मोबाइल नंबर था। जिसके चलते साइबर सेल की मदद से उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। 2 दिन की तलाश के बाद वह मिल गया और पुलिस ने उसे एक घर से हिरासत में ले लिया।