India News (इंडिया न्यूज), Mauganj Violence Update: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 20 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस ने अब तक 6 नामजद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। घटना के बाद इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है और लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

सीसीटीवी से हो रही उपद्रवियों की पहचान

पुलिस ने इस हिंसा से जुड़े कई अहम सबूत और साक्ष्य जुटाए हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और फरार बदमाशों की तलाश भी तेज कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि इस हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब तक जिन मुख्य आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है, उनमें निशा कोल, प्रेमवती कोल, बृजलाल कोल, विनोद कोल, अंशु कोल और रमेश कोल शामिल हैं। इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

रीवा-मऊगंज बंद का ऐलान

हिंसा की इस घटना के विरोध में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज संगठन सहित कई अन्य संगठनों ने मंगलवार को रीवा और मऊगंज बंद का ऐलान किया है। संगठनों का कहना है कि ब्राह्मण समाज पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध में यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर आदिवासी हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

ASI की हत्या से फैला आक्रोश

यह हिंसा उस समय भड़की, जब दो पक्षों में हुए विवाद के बाद एक युवक को कुछ आदिवासियों ने बंधक बना लिया। उसे बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम गांव पहुंची, लेकिन आदिवासियों ने टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में SAF जवान ASI की मौत हो गई, जबकि शाहपुर थाना प्रभारी हनुमान तहसीलदार समेत 8 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। इतना ही नहीं, जिस युवक को बचाने प्रशासन की टीम पहुंची थी, उसकी भी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

प्रशासन की सख्ती और भविष्य की रणनीति

मऊगंज कलेक्टर ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए धारा 144 लागू की है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है। प्रशासन ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। यह घटना मऊगंज के इतिहास में एक बड़े हिंसक विवाद के रूप में दर्ज हो गई है, और प्रशासन की सख्ती से आगे के हालात तय होंगे।

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