India News (इंडिया न्यूज), Mohammed Shami’s Daughter: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि मुस्लिम परिवारों को अपने बच्चों की परवरिश इस्लामिक नियमों के अनुसार करनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगीं।
मंत्री विश्वास सारंग का जवाब
मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास सारंग ने इस बयान का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों और चरमपंथियों को अपनी सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए। उन्होंने मोहम्मद शमी और उनकी बेटी को समर्थन देते हुए कहा कि किसी को भी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का हक नहीं है। मंत्री सारंग ने मौलाना रजवी को चेतावनी देते हुए कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की राजनीति नहीं चलेगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली कांग्रेस की प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
पहले भी विवादों में रहे मोहम्मद शमी
यह पहली बार नहीं है जब मोहम्मद शमी किसी धार्मिक विवाद में फंसे हैं। इससे पहले, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी* के दौरान जब उन्हें पानी की बोतल से ड्रिंक करते हुए देखा गया था, तब भी कुछ कट्टरपंथियों ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया था। तब भी कुछ मौलवियों ने कहा था कि उन्हें शरीयत के नियमों का पालन करना चाहिए।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंटा नजर आया। कुछ लोगों ने शमी और उनकी बेटी का समर्थन किया और कहा कि हर भारतीय को अपनी पसंद के त्योहार मनाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। वहीं, कुछ धार्मिक संगठनों ने इसे इस्लामी परंपराओं के खिलाफ बताया। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर नागरिक को अपनी इच्छानुसार त्योहार मनाने का अधिकार है। किसी भी धर्म या समुदाय के व्यक्ति को अपनी परंपराओं से अलग हटकर किसी अन्य संस्कृति को अपनाने का अधिकार है। ऐसे में मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर विवाद खड़ा करना तर्कसंगत नहीं है।