India News (इंडिया न्यूज), MP Board: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इस नए नियम से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले फेल होने वाले छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा (पूरक परीक्षा) आयोजित की जाती थी, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह बोर्ड साल में दो मुख्य परीक्षाएं आयोजित करेगा।
छात्रों को सप्लीमेंट्री परीक्षा हटाई
नई शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत अब छात्रों को सप्लीमेंट्री परीक्षा की बजाय दूसरी मुख्य परीक्षा देने का मौका मिलेगा। पहला एग्जाम फरवरी-मार्च में होगा, जबकि दूसरा एग्जाम जुलाई में आयोजित किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को बेहतर अवसर देना है, ताकि वे अपनी परफॉर्मेंस में सुधार कर सकें।
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कैसे काम करेगा यह नया नियम
बोर्ड परीक्षा में जो छात्र फेल हो जाते हैं या कम अंक प्राप्त करते हैं, वे जुलाई में होने वाली दूसरी मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस परीक्षा में छात्र चाहें तो केवल उन्हीं विषयों की परीक्षा दें, जिनमें वे फेल हुए हैं, या फिर सभी विषयों की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं। दोनों परीक्षाओं में जिस परीक्षा में बेहतर अंक होंगे, वही अंक अंतिम मार्कशीट में जोड़े जाएंगे।
कब होगी परीक्षा?
मध्य प्रदेश बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू करने की घोषणा की है। पहली परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद जुलाई में दूसरी परीक्षा आयोजित की जाएगी। हर साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में करीब 18 लाख छात्र शामिल होते हैं। ऐसे में यह नया नियम छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा। अब छात्र आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं और अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
छात्रों के लिए फायदेमंद होगा यह बदलाव
इस बदलाव से उन छात्रों को फायदा होगा जो पहली परीक्षा में फेल हो जाते हैं या किसी कारणवश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते। अब उन्हें एक और मौका मिलेगा और वे बिना किसी दबाव के अपनी तैयारी कर सकते हैं। इस मॉडल को पहले ही छत्तीसगढ़ और गुजरात में लागू किया जा चुका है, जहां इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।