India News (इंडिया न्यूज), MP Collector: मध्य प्रदेश में इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने स्कूलों की मनमानी खत्म करने के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। इस आदेश से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। कलेक्टर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) (2) के तहत स्कूलों में कॉपी-किताब और यूनिफार्म को लेकर हो रही अनियमितताओं पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसका पालन न करने पर स्कूल संचालक, प्राचार्य और प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है नया बदलाव?
आदेश के अनुसार, अब कोई भी स्कूल किसी छात्र या अभिभावक को किसी विशेष दुकान से किताबें, कॉपियां या यूनिफार्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। प्रत्येक स्कूल को अपनी वेबसाइट पर कक्षा वार अनिवार्य पुस्तकों की सूची और यूनिफार्म की जानकारी परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले अपलोड करनी होगी। साथ ही यह सूची विद्यालय परिसर में भी प्रदर्शित करनी होगी।
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यूनिफार्म बदलने का समय हुआ तय
अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए यूनिफार्म में अगले तीन वर्षों तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। स्कूल की किताबों और कॉपियों पर स्कूल का नाम या लोगो भी मुद्रित नहीं होगा। इसके अलावा, किताबों और नोटबुक्स पर ग्रेड, पृष्ठ संख्या और मूल्य स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य होगा।
पुरानी किताबों का उपयोग
छात्रों को पुरानी किताबों का उपयोग करने की पूरी छूट दी गई है। कोई भी स्कूल या विक्रेता छात्रों को पूरे सेट खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। विद्यार्थी अपनी जरूरत के अनुसार केवल जरूरी किताबें खरीद सकते हैं।
सब कुछ होगा अब ऑनलाइन अपडेट
प्रत्येक स्कूल को कम से कम तीन विक्रेताओं के नाम सत्र शुरू होने से एक महीने पहले अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। पालक-शिक्षक बैठक (PTM) के दौरान विद्यालय संचालक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी निजी विक्रेता या प्रकाशक स्कूल परिसर में अपने उत्पादों का प्रचार न करे। कलेक्टर के इस फैसले से अभिभावकों को अनावश्यक खर्चों से राहत मिलेगी और स्कूलों की मनमानी पर भी लगाम लगेगी।
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