India News (इंडिया न्यूज),MP Crime News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की युगल पीठ ने इंदौर के सरकारी स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने के मामले में पुलिस कमिश्नर को 25 नवंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
ये है पूरा मामला
सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस की अब तक की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। यह मामला 2 अगस्त 2024 का है, जब एक छात्रा के मोबाइल की घंटी बजने पर महिला शिक्षिका ने सभी छात्राओं की तलाशी ली थी। आरोप है कि कुछ छात्राओं को बाथरूम में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए गए। शिक्षिका ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा था कि अनुशासनात्मक कार्रवाई के चलते छात्राओं ने झूठी शिकायत की।
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हाईकोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट पर जताई नाराज़गी
30 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी। याचिकाकर्ता के वकील अभिनव धनोतकर ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने आदेश का पालन नहीं किया है। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस कमिश्नर से स्पष्टीकरण मांगा है और सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
साक्ष्य के बिना जिलाबदर आदेश निरस्त
इस मामले के साथ ही, हाईकोर्ट ने एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर के जिलाबदर आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जिला दंडाधिकारी ने बिना पर्याप्त साक्ष्यों के पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी, जिसमें पुलिस कमिश्नर को शपथपत्र सहित पेश होना होगा।
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