India News (इंडिया न्यूज), MP Doctor’s: मध्यप्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान कर दिया है। प्रदेशभर के 15 हजार से अधिक डॉक्टर 25 फरवरी से पूरी तरह काम बंद कर हड़ताल पर रहेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है। इसके पहले, 20 फरवरी को डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे, जबकि 24 फरवरी को सामूहिक अवकाश लेकर भूख हड़ताल करेंगे।
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
डॉक्टरों का कहना है कि उनकी कई मांगें लंबे समय से लंबित हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं-
1. उच्च स्तरीय समिति का गठन- डॉक्टरों के मुद्दों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए।
2. आईएएस अधिकारियों की दखलंदाजी खत्म हो- स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के प्रशासनिक कार्यों में आईएएस अधिकारियों का हस्तक्षेप बंद किया जाए।
3. कैबिनेट से पारित आदेशों का क्रियान्वयन- पूर्व में कैबिनेट द्वारा पारित आदेशों को तुरंत लागू किया जाए।
4. डीएसीपी (डायनैमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) लागू हो- डॉक्टरों की वेतन और पदोन्नति से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना को प्रदेश में लागू किया जाए।
5. डीजी हेल्थ का पद सृजित किया जाए- स्वास्थ्य विभाग में प्रभावी संचालन के लिए डायरेक्टर जनरल हेल्थ (DG Health) का पद बनाया जाए।
6. कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाई जाए- डॉक्टरों को अस्पतालों में सुरक्षित वातावरण मिले और मरीजों के परिजनों द्वारा होने वाली हिंसा पर रोक लगे।
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स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
डॉक्टरों की हड़ताल से प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। यदि सरकार और डॉक्टरों के बीच सहमति नहीं बनी, तो आम लोगों को इलाज के लिए परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। डॉक्टरों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बचाने के लिए कोई समाधान निकलता है।
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