India News (इंडिया न्यूज), MP Farmers: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आलोट क्षेत्र के किसान इन दिनों एक अनोखी और चर्चा में आई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। यहां के किसान लहसुन की फसल पर देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस प्रक्रिया से फसल की पैदावार बढ़ती है और उन्हें कीटों और रोगों से बचाया जा सकता है।

देसी शराब का फसलों पर इस्तेमाल

किसान मोहन सिंह राठौर के अनुसार, आलोट क्षेत्र के धतुरिया गांव के किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि देसी शराब में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो लहसुन की फसल पर होने वाले “जलेबी” रोग को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, शराब में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण फसलों में कीटों और बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं। इस पद्धति को वे प्राकृतिक और सुरक्षित मानते हैं, क्योंकि इसमें किसी रासायनिक तत्व का इस्तेमाल नहीं होता।

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इसका कोई नहीं है वैज्ञानिक आधार

इस विषय पर कृषि विशेषज्ञों और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पद्धति का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। सुखराम चारेल, जो आलोट के उद्यानिकी विभाग में कार्यरत हैं, का कहना है कि यह किसानों का व्यक्तिगत प्रयोग हो सकता है, जिसका दीर्घकालिक प्रभाव अभी तक साबित नहीं हुआ है। वे मानते हैं कि यदि यह तरीका गलत साबित होता है तो इसका असर फसल पर पड़ सकता है, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।

इन फसलों को कौन लेगा जिम्मेदारी

इस अनोखी तकनीक के प्रभावों का आकलन समय के साथ ही किया जा सकता है। फिलहाल, किसान अपनी पारंपरिक विधियों और जुगाड़ से प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि अगर इस छिड़काव से फसल पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

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