India News (इंडिया न्यूज), MP Government: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा IS, भारतीय पुलिस सेवा IPS और भारतीय वन सेवा ISS के अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है।

 

संपत्ति का विवरण क्यों जरूरी?

सरकार ने यह कदम अधिकारियों की संपत्तियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और उनके पास मौजूद संपत्ति की स्थिति का आकलन करने के उद्देश्य से उठाया है। इसके तहत, अधिकारियों को अपनी पैतृक संपत्ति, परिवार के नाम पर मौजूद संपत्तियां, और उनकी वर्तमान बाजार मूल्य का विवरण देना होगा।

 

ऑनलाइन और हार्ड कॉपी में देना होगा विवरण

अधिकारियों को यह जानकारी केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा करनी होगी। इसके साथ ही, विवरण की हार्ड कॉपी राज्य सरकार को भी सौंपनी होगी।

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किन अधिकारियों पर लागू है आदेश?

इस आदेश का पालन राज्य के *382 आईएएस, 271 आईपीएस, और 215 आईएफएस अधिकारियों* को करना अनिवार्य है। यह आदेश केवल उच्च रैंक वाले अधिकारियों के लिए है। मंत्रालय में कार्यरत बाबू, टाइपिस्ट और स्टेनोग्राफर को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है।

 

सरकार का उद्देश्य

मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि यह पहल अधिकारियों की संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए की गई है। अधिकारियों के पास कितनी संपत्ति है और उसका सही मूल्यांकन क्या है, इसे जानने के लिए यह जानकारी आवश्यक है।

 

आदेश का पालन जरूरी

केंद्रीय कर्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश का पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम प्रशासन में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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