India News (इंडिया न्यूज), MP High Court: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि भगोड़ा घोषित अपराधी भी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। बता दें, हाईकोर्ट की डबल बेंच* ने यह स्पष्ट किया कि कोर्ट को जमानत पर फैसला प्रकरण के गुण-दोषों के आधार पर लेना चाहिए।

दो अलग-अलग बेंच के विरोधाभासी आदेश

जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट की दो अलग-अलग बेंचों ने पहले भगोड़ा घोषित आरोपी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई को लेकर विरोधाभासी आदेश जारी किए थे। एक आदेश में कहा गया कि न्यायालय जिस आरोपी को भगोड़ा घोषित करता है, उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती। दूसरे आदेश में कहा गया कि अदालत को हर मामले की जांच कर निर्णय लेना चाहिए।

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युगलपीठ ने दिया अंतिम फैसला

जानकारी के अनुसार, इस विरोधाभास को दूर करने के लिए हाईकोर्ट की युगलपीठ (डबल बेंच) में मामला प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अदालत को अग्रिम जमानत देने की शक्ति प्राप्त है। भगोड़ा घोषित किए गए अपराधी भी जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं, और अदालत को इस पर प्रकरण के गुण-दोषों के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।

जानें क्या था मामला?

जबलपुर के ओमती थाना में दर्ज एक आपराधिक मामले में आरोपी को भगोड़ा घोषित किया गया था। आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, लेकिन दो अलग-अलग बेंचों के विरोधाभासी आदेशों के कारण मामला युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बता दें, हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्पष्ट किया कि, अग्रिम जमानत आवेदन को सिर्फ इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता कि आरोपी भगोड़ा घोषित है। दूसरी तरफ, अदालत को हर मामले में प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए फैसला लेना होगा।

न्यायपालिका का संतुलित निर्णय

इस फैसले से स्पष्ट हुआ कि न्यायालय को कानून की व्याख्या करते समय संतुलन बनाए रखना चाहिए। भगोड़ा घोषित व्यक्ति कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता और उसका जमानत आवेदन अदालत के विचाराधीन हो सकता है। फिलहाल, एमपी हाईकोर्ट का यह बड़ा फैसला भगोड़ा घोषित अपराधियों के लिए राहत लेकर आया है। अब कोर्ट हर मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला लेगी। यह निर्णय भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 के तहत अदालत की शक्ति को और स्पष्ट करता है।

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