India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश में अशोकनगर जिले के टकनेरी गांव के करीब 80 आदिवासी मजदूरों को काम के बहाने कर्नाटक ले जाकर बंधक बनाने का मामला सामने आया है। इनमें से 12 लोग किसी तरह वहां से छूटकर वापस आए हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक (SP) को अपनी आपबीती सुनाई और बंधक बनाए जाने के साथ मजदूरी के बदले पैसे न मिलने की शिकायत की।
क्या है मामला?
30 जनवरी को टकनेरी गांव की निवासी मानकुंअर बाई ने ASP कार्यालय में आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि उनके बेटे, बहू और 12 अन्य लोग अफसार खान और रामसिंह यादव नामक ठेकेदारों के साथ दो महीने पहले कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के अन्नापुरई क्षेत्र में मजदूरी करने गए थे। वहां उन्हें कॉफी बागानों में काम करना था। ठेकेदार अफसार खान इन मजदूरों से 90 हजार रुपये एडवांस लेकर अशोकनगर लौट आया, जिसके बाद वहां के स्थानीय ठेकेदारों ने इन मजदूरों को बंधुआ मजदूरी करने पर मजबूर कर दिया।
बनाया बंधुआ मजदूर
एसपी विनीत कुमार ने शिकायत मिलने के बाद थाना प्रभारी मनीष कुमार शर्मा को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के जयपुरा थाना प्रभारी से संपर्क कर 12 लोगों की सुरक्षित घर वापसी कराई। मजदूरों ने बताया कि अभी भी लगभग 70 लोग कर्नाटक में बंधक हैं। एसपी विनीत कुमार ने कहा है कि कर्नाटक पुलिस से दोबारा संपर्क कर बाकी बचे मजदूरों की रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि सभी मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
ना खाना ना पैसे
मजदूरों ने बताया कि उन्हें जंगल में एक क्वार्टर में रखा गया था, जहां से हफ्ते में केवल एक व्यक्ति को खाने की सामग्री लाने के लिए बाजार भेजा जाता था। उन्हें सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक काम कराया जाता था, लेकिन मेहनताने के 380 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी उन्हें नहीं दी गई। ठेकेदार अफसार खान मजदूरी की रकम खुद लेता था और मजदूरों को केवल खाने के लिए 8 दिनों में 500 रुपये दिए जाते थे।