India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे 10 दिनों के भीतर आरआरसी (राजस्व वसूली प्रमाण पत्र) का निष्पादन करें, अन्यथा उन्हें व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा। जानकारी के अनुसार, यह आदेश हाईकोर्ट में दूसरी बार दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

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जानें क्या है मामला?

बता दें, याचिकाकर्ता अधिवक्ता अरविंद वर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि 2020 में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) द्वारा एक बिल्डर के खिलाफ आरआरसी जारी किया गया था, जिसका निष्पादन कलेक्टर भोपाल की जिम्मेदारी थी। लेकिन हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के बावजूद कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें, याचिकाकर्ता के वकील कपिल दुग्गल और ध्रुव वर्मा ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि दोबारा अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी, तो कलेक्टर से दोनों याचिकाओं की लागत वसूली जाएगी। इसके बावजूद कलेक्टर ने आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मजबूर होकर याचिकाकर्ता को दूसरी बार अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।

हाईकोर्ट की सख्ती

जानकारी के मुताबिक, इस पर जस्टिस ए.के. सिंह की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए भोपाल कलेक्टर को 10 दिनों में आरआरसी निष्पादित करने का सख्त निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि यदि आदेश की अवहेलना की गई, तो कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहना होगा। ऐसे में, हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आदेश का पालन नहीं करने पर कलेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी, जहां अदालत यह देखेगी कि कलेक्टर ने आदेश का पालन किया या नहीं।

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