India News (इंडिया न्यूज), MP News: देवास की ऐतिहासिक शंकरगढ़ पहाड़ी को पर्यटन के नाम पर बेचे जाने के विरोध में जनता ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया है। देवास के नागरिकों, समाजसेवी संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों ने भोपाल में रैली निकालकर सरकार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने शंकरगढ़ बचाओ मंच और ग्रीन आर्मी देवास के नेतृत्व में यह विरोध जताया और मांग की कि इस क्षेत्र को वन विभाग को सौंपा जाए।

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लाखों पेड़ों और जीव-जंतुओं की रक्षा का संकल्प

बता दें, देवास की जनता ने शंकरगढ़ पहाड़ी पर वर्षों की मेहनत से लाखों पेड़ लगाए हैं, जो अब सरकार के पर्यटन प्रोजेक्ट के कारण खतरे में हैं। ऐसे में, इस पहाड़ी को केंद्र सरकार ने नगर वन का दर्जा दिया था और यह देश के 75 नगर वनों में शामिल है। इसके अलावा जनता का आरोप है कि सरकार इसे किसी उद्योग समूह को बेचने की योजना बना रही है। बताया गया है कि, इससे क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ेगा और वन्य जीवों को नुकसान होगा।

भोपाल में हुआ विरोध प्रदर्शन

शुक्रवार सुबह भोपाल के छत्रपति शिवाजी उद्यान चौराहे पर बड़ी संख्या में देवास के नागरिकों ने प्रदर्शन किया। बता दें, शंकरगढ़ बचाओ मंच के संयोजक समरजीत सिंह जाधव ने ज्ञापन का वाचन किया। उन्होंने कहा कि देवास की जनता अपनी धरोहर की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार कभी यहां फिल्म सिटी तो कभी एम्यूजमेंट पार्क* बनाने की योजना बनाती है, जिससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए जनता की अपील

देवास के लोगों का कहना है कि पर्यटन के विकास के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि देना उचित नहीं है। शंकरगढ़ पहाड़ी देवास की धरोहर है, जिसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद सरकार को चाहिए कि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दे। देवास के लोग अपनी हरित संपदा को बचाने के लिए पूरी तरह एकजुट हैं। सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए शंकरगढ़ पहाड़ी को संरक्षित क्षेत्र घोषित करना चाहिए ताकि पर्यावरण और वन्य जीवन को बचाया जा सके।

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