India News (इंडिया न्यूज), MP News: आजादी के 77 साल बाद भी बुंदेलखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है। मध्य प्रदेश के सागर जिले की देवरी तहसील के कई गांवों में आज भी ऐसी स्थिति है, जहां विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यहां के लोग आज भी खटिया पर शव लेकर शवयात्रा करने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी रास्तों पर दबंगों का कब्जा है और एंबुलेंस जैसी बुनियादी सेवाएं यहां तक नहीं पहुंच पातीं।

एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती

नयानगर ग्राम पंचायत के तहत स्थित ग्राम सरदई और सिद्धों के टोला के निवासी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। यहां के लोग अपने बीमार या मृत परिजनों को खाट पर लाकर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर हैं। हाल ही में एक 75 वर्षीय महिला, कमलरानी लोधी की मृत्यु के बाद परिजनों को शव को खाट पर रखकर 1 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ा, क्योंकि एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई।

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प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं

गांववासियों के अनुसार, कई बार ग्राम पंचायत में सड़क निर्माण के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हुई। यहां का मुख्य रास्ता संकरा और दलदली हो गया है, जिससे एंबुलेंस का पहुंचना तो दूर, बाइक तक मुश्किल से पहुंच पाती है। यही स्थिति पिछले कुछ वर्षों से बनी हुई है, जब किसी मृतक को खटिया पर ही ले जाना पड़ा।

यह समस्या कई सालों से है बनी

भागीरथ लोधी, जो मृतका के परिजन हैं, ने बताया कि यह समस्या कई सालों से बनी हुई है और अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है कि अगर इसी तरह से स्थिति रही, तो गांववासियों को आने वाले समय में और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। यह मामला इस बात का संकेत है कि सरकार के विकास के दावों के बावजूद, कुछ गांवों में अब भी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।

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