India News (इंडिया न्यूज), MP News: मध्य प्रदेश के अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्राओं के फूड पॉइजनिंग का शिकार होने की खबर सामने आई है। इस घटना के चलते 100 से अधिक छात्राओं को विश्वविद्यालय परिसर की डिस्पेंसरी में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
खाने में गड़बड़ी का शक
छात्राओं ने खाने के बाद उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसी समस्याओं की शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि खराब भोजन के कारण यह समस्या हुई है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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मैस संचालक पर उठे सवाल
कुछ ही दिन पहले विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति ने मैस संचालक को बदला था, और वर्तमान में इस जिम्मेदारी का प्रभार शिवपाल सिंह बुंदेला को दिया गया था। अब इस घटना के बाद उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, शिवपाल सिंह बुंदेला पहले भी 2024 में ब्लैकलिस्टेड हो चुके हैं। ऐसे में उनके चयन को लेकर भी विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
छात्राओं की स्थिति स्थिर
विश्वविद्यालय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। राहत की बात यह है कि अधिकतर छात्राओं की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और किसी की हालत गंभीर नहीं है। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और भोजन के सैंपल परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। अभी जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
छात्राओं और अभिभावकों में आक्रोश
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में आक्रोश है। छात्रों का कहना है कि पहले भी खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की गई थीं, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब इस बड़े मामले के बाद विश्वविद्यालय की मैस व्यवस्था और प्रशासन की लापरवाही सवालों के घेरे में आ गई है।
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