India News MP (इंडिया न्यूज़),MP News: MP की सरकार ने पलायन पर रोक लगाने के लिए गांवों में मनरेगा के तहत काम तो खोला और लोगों को काम देने का वादा भी किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकारी तंत्र ने मजदूरों से कार्य न कराकर मशीनों से काम हो रहा है और मजदूर फिर से बेरोजगार होकर पलायन कर बाहर जाने के लिए मजबूर हो रहे है। वहीं सीईओ जिला पंचायत जिले में अधिक मात्रा में काम चालू होने का बड़ा दावा कर रहे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस पलायन को आड़े हांथों भी ले रही है।
बाल बच्चे लेकर मजदूरी करने जा रहे हैं
आपको बता दें कि बात अगर उमरिया की करें तो यहां के रेलवे स्टेशन पर जिले के ग्राम पंचायत बिलासपुर, हर्रवाह, मझौली खुर्द के लगभग सैकड़ों गरीब गांव वाले आदिवासी पलायन कर रहे हैं। यहां के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक मिलकर गांव को काम न देकर मशीनों से काम करा रहे हैं। जिससे मजदूर एक बार फिर दूसरे जिलों और प्रदेशों की और जा रहे है। ये सभी आदिवासी मजदूर बताते हैं कि हमको काम नहीं हैं। इतना ही नहीं पंचायत का सारा काम मशीनों से हो रहा है, इसलिए हम अपना पेट को भरने के लिए बाल बच्चे लेकर मजदूरी करने जा रहे हैं।
BJP केवल बात करती है
आपको बता दें कि उमरिया जिले से होने वाले पलायन को लेकर कांग्रेस भी ने बड़े सवाल खड़े किये हैं और कहा है कि BJP केवल बात करती है। आज भी युवा प्रदेश से बाहर काम करने जा रहे हैं और बाद में उनके साथ ठग भी होता हैं। वहीं पंचायतों में कार्य नहीं मिलता है ज्यादा काम JCB से हो जाता है। इसलिए मजदूर अपना पेट भरने जिले से हर रोज बड़ी संख्या में पलायन कर रहें है। जब इस संबंध में सीईओ जिला पंचायत उमरिया अभय सिंह ओहरिया से बात हुई तो उन्होंने जिले में चल रहे कामो की लम्बी चौड़ी सूची गिनवाते हुए और कार्य उपलब्ध करवाने का बड़ा दावा करते हुए यह भी कह दिया कि यदि पलायन की स्थिति है और कोई जा रहा है तो हम लोग नहीं रोक सकते है।