India News (इंडिया न्यूज), MP News: छिदगांव काछी गांव में गुरुवार को खनिज इंस्पेक्टर खुशबू वर्मा को ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, वे राजकुमार उर्फ गब्बर कुशवाह के खलिहान में खड़ी पनडुब्बी मशीन को जब्त करने पहुंची थीं, लेकिन ग्रामीणों ने मनमानी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस लौटने को मजबूर कर दिया।

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जानिए पूरी घटना

खनिज इंस्पेक्टर के आदेश पर जैसे ही अमला मशीन जब्त करने लगा, ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों का कहना था कि खनिज विभाग बिना किसी ठोस कारण के मशीन जब्त कर रहा है। ऐसे में, गांव के बुजुर्गों और मजदूरों का आरोप है कि विभाग की सख्ती के कारण उनका रोजगार छिन गया है और उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों के अनुसार, रेत घाटों पर काम बंद होने से कई परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है। इसके अलावा ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए तहसीलदार सौरभ शर्मा मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। जांच में पाया गया कि पनडुब्बी मशीन पिछले छह महीनों से बंद अवस्था में खड़ी थी।

ग्रामीणों ने उठाए ये सवाल

दूसरी तरफ, इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब उनकी मशीन नर्मदा नदी से दो किलोमीटर दूर उनके खलिहान में खड़ी थी, तो उसे जब्त करने का अधिकार किसे है। लोगों ने मांग की कि खनिज विभाग की मनमानी पर रोक लगाई जाए और उनकी रोजी-रोटी पर संकट न पैदा किया जाए। तहसीलदार ने ग्रामीणों की बात सुनी और खनिज इंस्पेक्टर को बिना जब्ती के वापस भेज दिया। खनिज विभाग की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में रोष है। वे चाहते हैं कि सरकार उनके रोजगार पर असर डालने वाले निर्णयों पर पुनर्विचार करे और अन्यायपूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाए।

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