India News (इंडिया न्यूज), MP Police: पुलिस कर्मियों की गश्त ड्यूटी को अधिक प्रभावी बनाने और अनियमितताओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब 50 से अधिक पुलिस वाहनों में हाईटेक जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे अधिकारी गश्ती के दौरान अपनी ड्यूटी से बच नहीं सकेंगे।
कैसे करेगा जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम काम?
अब सभी पेट्रोलिंग वाहन, जैसे पीसीआर वैन, पुलिस स्टेशन वाहन और एसीपी वाहन, जीपीएस से लैस होंगे। इससे वरिष्ठ अधिकारी पुलिस कर्मियों की रियल टाइम लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे और यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि गश्ती सही तरीके से हो रही है या नहीं। इससे पहले, कई मामलों में यह देखा गया था कि कुछ पुलिस कर्मी अपने क्षेत्र की निगरानी नहीं करते थे और वाहन घंटों तक एक ही स्थान पर खड़ा रहता था। जीपीएस सिस्टम से अब यह संभव होगा कि अधिकारी *डैशबोर्ड पर वाहनों की लोकेशन ट्रैक कर सकें और पूरी रिपोर्ट तैयार कर सकें।
पेट्रोलिंग में लापरवाही नहीं चलेगी
अतिरिक्त आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि इस नई व्यवस्था से यदि रात में कोई अपराध होता है, तो तुरंत यह पता लगाया जा सकता है कि पेट्रोलिंग वाहन किस स्थान पर था। वाहन के स्थिर या गतिशील रहने की जानकारी भी दर्ज की जाएगी, जिससे गश्त में लापरवाही करने वाले कर्मियों की पहचान हो सकेगी।
जवाबदेही होगी तय
इस नई व्यवस्था से पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी। यदि कोई पुलिस निरीक्षक अपने क्षेत्र के बजाय किसी दूसरे क्षेत्र में पाया जाता है, तो उसकी तुरंत निगरानी हो सकेगी। काम के घंटों के दौरान कोई भी अधिकारी बिना अनुमति *अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकेगा*।
रिस्पांस टाइम में आएगी तेजी
इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी घटना की स्थिति में पुलिस की प्रतिक्रिया तेज होगी। अब तक कई बार ऐसा होता था कि अधिकारी समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब जीपीएस ट्रैकिंग से उनकी वास्तविक लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा। जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम पुलिस विभाग की *पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। इससे पुलिस कर्मियों की गश्त पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी और जनता को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। यह तकनीक अपराध नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और पुलिस विभाग को अधिक संगठित बनाएगी।
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