India News (इंडिया न्यूज),Nursing college scam in MP:मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को अवैध रूप से मान्यता देने का मामला सरकार और अफसरों के गले की फांस बनता जा रहा है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल, एमपी नर्सिंग काउंसिल और एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के उन अधिकारियों की सूची मांगी है, जिन्होंने अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने में भूमिका निभाई।
विपक्ष का आरोप: क्या सरकार कर रही है फर्जीवाड़े को संरक्षण?
इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,
“नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को क्या सरकार का संरक्षण मिल रहा है? सरकार की लचर कार्रवाई और लीपापोती गंभीर चिंता का विषय है। मैंने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया था और छात्रों के हित की बात रखी थी।”
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HC की सख्ती, अफसरों पर गिरी गाज
नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर जस्टिस संजय द्विवेदी और अचल कुमार पालीवाल की पीठ ने सख्त रुख अपनाया और उन सभी अफसरों की सूची मांगी, जिन्होंने अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने में मदद की। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज की रिपोर्ट पेश न करने पर कोर्ट ने सेंट्रल लैब डायरेक्टर को भी तलब किया। हाईकोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल, मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन (संचालक चिकित्सा शिक्षा), रजिस्ट्रार, कार्यपरिषद सदस्य, कुलपति और इंस्पेक्टरों की जानकारी तलब की है।
CBI जांच में हुआ बड़ा खुलासा
हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद को सरकार को पहले पद से हटाना पड़ा, लेकिन अब उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है और सिवनी के सीएमएचओ कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। CBI जांच में सामने आया है कि कई अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता दी गई, जिससे कई कॉलेजों को बंद भी करना पड़ा। इस घोटाले में और भी बड़े नामों के सामने आने की संभावना है, जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।