India News (इंडिया न्यूज),OSD Kuldeep Shukla: मध्यप्रदेश के भोपाल शासन में ओएसडी के पद पर कार्यरत कुलदीप शुक्ला ने अपने विवाह के दौरान दहेज प्रथा के खिलाफ एक प्रेरणादायक कदम उठाया। नर्मदा तट पर आयोजित इस विवाह समारोह में वधू पक्ष द्वारा दी गई 21 लाख रुपये की शगुन राशि को कुलदीप ने यह कहते हुए लौटा दिया कि “बेटी के विवाह के बदले धन लेना उनकी आत्मा स्वीकार नहीं करती।”
दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त संदेश
यह निर्णय केवल एक व्यक्तिगत कदम नहीं था, बल्कि समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी था। कुलदीप शुक्ला ने इस फैसले से यह स्पष्ट कर दिया कि विवाह, संबंधों और भरोसे की नींव पर टिका होता है, न कि वित्तीय लेन-देन पर।विवाह समारोह में कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित थे, जिनमें प्रसिद्ध कवि और अभिनेता शैलेश लोढ़ा, मध्यप्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक और समाज के अन्य प्रमुख लोग शामिल थे। इस अवसर पर मौजूद सभी ने कुलदीप के इस निर्णय की सराहना की और इसे दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया।
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समाज में दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाना- कुलदीप शुक्ला
यह घटना समाज में व्याप्त इस कुरीति को खत्म करने के लिए एक प्रेरणा बन सकती है। कुलदीप शुक्ला का यह साहसिक कदम दिखाता है कि यदि युवा पीढ़ी चाहे, तो दहेज जैसी प्रथाओं को समाप्त किया जा सकता है। यह निर्णय उन परिवारों के लिए भी एक प्रेरणा है जो सामाजिक दबाव में आकर दहेज प्रथा का समर्थन करते हैं। कुलदीप शुक्ला के इस निर्णय ने यह संदेश दिया है कि विवाह का उद्देश्य केवल रिश्तों को निभाना है, न कि पैसों का लेन-देन करना। उनका यह कदम समाज में जागरूकता लाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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