India News (इंडिया न्यूज),Padmashree Jodhaiya Bai: उमरिया जिले की सुप्रसिद्ध आदिवासी चित्रकार और बैगा कला की पहचान जोधइया बाई का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं और रविवार शाम को अपने गृह ग्राम लोढ़ा स्थित आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली।
70 वर्ष की उम्र में चित्रकला सीखना शुरू किया
जोधइया बाई का बैगा चित्रकला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम योगदान रहा। शिक्षा से वंचित रहते हुए भी उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में चित्रकला सीखना शुरू किया और अपनी प्रतिभा से दुनिया को चौंका दिया। जोधइया बाई को उनके गुरु मशहूर चित्रकार आशीष स्वामी ने प्रशिक्षित किया। उनके द्वारा बनाए गए चित्र न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सराहे गए। उनके इस योगदान के लिए 2022 में उन्हें राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान से नवाजा गया, जबकि 2023 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
पूरे जिले में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम संस्कार में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने कंधा देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व जेल मंत्री और पूर्व सांसद ज्ञान सिंह सहित जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे। जोधइया बाई, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा संघर्ष में बिताया, बैगा कला को नई ऊंचाइयों पर ले गईं। वे पिछले एक वर्ष से पैरालिसिस और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा, और उनकी कला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
जोधइया बाई के निधन पर CM ने दी श्रद्धांजलि
बता दें इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा सदन में भाजपा नेता श्री प्रभात झा, भूतपूर्व सदस्य श्री आरिफ अकील, पूर्व मंत्री श्री नटवर सिंह, एस एम कृष्णा सहित अन्य दिवंगत भूतपूर्व सदस्यों के योगदान का स्मरण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जनजातीय कलाकार श्रीमती जोधइया बाई के निधन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जोधइया बाई एक विशिष्ट जनजातीय कलाकार थी…पेरिस सहित विश्व के कई स्थानों पर उनके चित्रों की प्रदर्शनियां लगती रही हैं।
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