India News (इंडिया न्यूज),Pithampur Bachao Samiti: औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। लगभग 347 टन कचरे को न्यायालय के आदेशानुसार तय समय में नष्ट किया जाना है। इस निर्णय के बाद से ही स्थानीय सामाजिक संगठनों और एनजीओ ने इसका कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपक जताई आपत्तियां
आज पीथमपुर बचाओ समिति ने महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत हीरोले ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने न्यायालय को गुमराह किया है। उन्होंने मांग की कि कचरा जलाने वाली कंपनी की एयर मॉनिटरिंग और क्षेत्र के भूजल की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की गई।
जल स्रोत और वायुमंडल बुरी तरह प्रभावित
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि रामकी ग्रुप द्वारा संचालित इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी में लगातार जहरीला कचरा और दूषित पदार्थ डंप किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय जल स्रोत और वायुमंडल बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस प्रदूषण के चलते क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की आशंका बढ़ गई है।
अन्य सामाजिक संगठनों ने भी लिया हिस्सा
धरना प्रदर्शन में पीथमपुर बचाओ समिति के साथ अन्य सामाजिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर यह कचरा यहां जलाया गया तो क्षेत्र का पर्यावरण और अधिक खराब हो जाएगा। लोगों ने सरकार और संबंधित विभागों से इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है। इस विरोध के बढ़ते स्वर स्थानीय निवासियों की गंभीर चिंताओं को दर्शाते हैं, जो अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।