India News (इंडिया न्यूज), Ladli Bahna Yojana: मध्यप्रदेश में सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस इस योजना में मिलने वाली राशि न बढ़ाए जाने और लाभार्थियों के नाम काटे जाने को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। हाल ही में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी के मुताबिक, समग्र पोर्टल से कई महिलाओं के नाम हटाए जा रहे हैं, जिससे उनके खातों में योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं पहुंच रही।

कैसे हुआ खुलासा?

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कई हितग्राही महिलाओं को योजना की राशि मिलना बंद हो गई। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आगर मालवा कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को पत्र लिखकर इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया। रिपोर्ट के अनुसार, आगर मालवा जिले में 58 महिलाओं के नाम समग्र पोर्टल से हटा दिए गए, जबकि 142 महिलाओं के आधार कार्ड समग्र आईडी से डीलिंक हो गए। इसी तरह, बैतूल जिले से भी ऐसी शिकायतें आई हैं, जिसके बाद वहां के कलेक्टर ने भी संबंधित विभाग को पत्र लिखकर इस गड़बड़ी की जानकारी दी है।

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सरकार का रुख और सुधार के निर्देश

मामले के तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा किजहां भी ऐसी गड़बड़ियां हुई हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा। सरकार ने जांच के आदेश देते हुए कहा कि जिन महिलाओं के नाम हटाए गए हैं, उन्हें फिर से जोड़ा जाएगा।

प्रदेश में कम हुई 3.56 लाख हितग्राही महिलाएं

गौरतलब है कि 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले 4 मार्च को लाड़ली बहना योजना शुरू की गई थी। हालांकि, तब से लेकर अब तक 3 लाख 56 हजार महिलाओं के नाम योजना से हटाए जा चुके हैं। सरकार का कहना है कि इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे – महिलाओं का योजना के लिए तय उम्र सीमा पार करना या स्वयं योजना से बाहर होना।

हालांकि, कांग्रेस इस दावे से सहमत नहीं है और लगातार सरकार पर हितग्राहियों के नाम जानबूझकर हटाने का आरोप लगा रही है। विपक्ष का कहना है कि चुनाव के समय जिस योजना को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया, अब उसमें कटौती की जा रही है।

लाभार्थियों के लिए चिंता का विषय

लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए आर्थिक संबल बनी हुई है। ऐसे में हितग्राहियों के नाम हटने से उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। सरकार द्वारा इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करना आवश्यक है, ताकि योजना का लाभ हर पात्र महिला को सही तरीके से मिल सके।

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