India News (इंडिया न्यूज), Ratapani Tiger Reserve: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक दर्दनाक हादसे में एक युवा बाघिन की मौत हो गई। यह घटना नेशनल हाईवे 45 पर बिनेका के पास हुई, जब अज्ञात वाहन ने बाघिन को टक्कर मार दी। हादसे में घायल बाघिन की तुरंत मौत हो गई। वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए फॉरेस्ट क्राइम केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा

वन मंडल ओबेदुल्लागंज के डॉक्टर प्रशांत ओढ़ और वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के डॉक्टर प्रशांत ने मृत बाघिन का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट के अनुसार, सड़क हादसे में गंभीर चोट लगने के कारण बाघिन की मौत हुई। इसके बाद, वन विभाग के अधिकारियों और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया।

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टाइगर रिजर्व का हाल ही में हुआ उद्घाटन

इस घटना से पहले, 13 दिसंबर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री *मोहन यादव* ने रातापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन किया था। उन्होंने इसे राज्य का आठवां टाइगर रिजर्व घोषित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह टाइगर रिजर्व वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस टाइगर रिजर्व का नाम प्रसिद्ध पुरातत्वविद् *विष्णु वाकणकर* के नाम पर रखा जाएगा। वाकणकर को भीमबेटका रॉक गुफाओं की खोज का श्रेय दिया जाता है, जो इस क्षेत्र में स्थित हैं।

सड़क हादसे में वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्गों के पास रहने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वन्यजीव क्षेत्रों के पास तेज रफ्तार वाहनों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन सड़क हादसों के कारण वन्यजीवों की मौत पर रोक लगाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य के वन और पर्यावरण विभाग से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।

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