India News(इंडिया न्यूज),Saurabh Sharma Case Update: परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के मामले में जांच एजेंसियों द्वारा लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है। 27 दिसंबर को ईडी ने भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में आठ ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा हुआ है।
ईडी की कार्रवाई में क्या मिला?
ईडी की छापेमारी में सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और बैंक खातों में 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली है। इसके अलावा, सौरभ और उसके परिवार के नाम पर 23 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं। ईडी ने कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है।
सौरभ शर्मा का भ्रष्टाचार नेटवर्क
सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उसने परिवहन विभाग में नौकरी के दौरान RTO चौकियों से भ्रष्टाचार कर भारी धन अर्जित किया। 2016 में अनुकंपा नियुक्ति से नौकरी शुरू करने वाले सौरभ ने 2023 में नौकरी छोड़कर ठेकेदारी और कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू कर दी। इसके अलावा, वह होटल, स्कूल, और पेट्रोल पंप का संचालन भी कर रहा था।
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लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्रवाई
19 दिसंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के घर पर छापेमारी की थी, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद, 234 किलो चांदी, 50 लाख रुपये के सोने के आभूषण और अन्य महंगी सामग्री बरामद हुई थी। इस छापेमारी में लगभग 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली। इसके अलावा, आयकर विभाग ने सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद जब्त किए।
जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा
इस समय 4 जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। लोकायुक्त, ईडी, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियां इस मामले में जुटी हुई हैं। सौरभ पर भ्रष्टाचार से कमाए धन का उपयोग बेनामी संपत्तियों और महंगे प्रोजेक्ट्स में करने का आरोप है। फिलहाल, इस मामले में जांच जारी है और सौरभ शर्मा पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।