India News (इंडिया न्यूज), MP Politics: मध्य प्रदेश बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सस्पेंस बरकरार है। हाल ही में जिला अध्यक्षों की घोषणा के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष के चयन में हो रही देरी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी इस बार किस जातिगत फॉर्मूले पर भरोसा करेगी?

क्या रहेगा बीजेपी का फॉर्मूला?

2003 के बाद से मध्य प्रदेश में बीजेपी ने हमेशा ओबीसी मुख्यमंत्री और सामान्य वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष का संतुलन बनाए रखा है। उमा भारती से लेकर मोहन यादव तक सभी मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आए, जबकि प्रदेश अध्यक्षों की कमान ब्राह्मण और क्षत्रिय नेताओं के हाथों में रही। ऐसे में इस बार भी यही फॉर्मूला अपनाए जाने की संभावना है।

ब्राह्मण उम्मीदवार मजबूत दावेदार?

वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (ब्राह्मण वर्ग) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ला और रामेश्वर शर्मा का नाम चर्चा में है। ब्राह्मणों की सरकार में कम भागीदारी को देखते हुए बीजेपी इस वर्ग को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है।

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क्या क्षत्रिय दावेदार होंगे बाहर?

बीजेपी में लंबे समय तक क्षत्रिय नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता रहा है। नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान और राकेश सिंह इसका उदाहरण हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने क्षत्रिय वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद मध्य प्रदेश में यह मौका किसी और वर्ग को देने की संभावना है।

वैश्य और अनुसूचित जाति पर भी नजर

वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से उभरा है, जो मुख्यमंत्री मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं। वहीं, अनुसूचित जाति से लाल सिंह आर्य का नाम चर्चा में है, जो बीजेपी के एससी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।

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ओबीसी और एसटी से कम संभावना

चूंकि ओबीसी वर्ग से ही मुख्यमंत्री मोहन यादव हैं, इसलिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किसी अन्य वर्ग से बनाना चाहेगी। हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से भी कुछ नामों पर चर्चा है, लेकिन इसकी संभावना कम ही दिख रही है।

दिल्ली आलाकमान करेगा अंतिम फैसला

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने जातिगत संतुलन और संगठनात्मक अनुभव को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। साथ ही, सीएम मोहन यादव की पसंद को भी ध्यान में रखा जाएगा। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किस वर्ग से अपना नया प्रदेश अध्यक्ष चुनती है और यह नाम कब घोषित होता है।