India News (इंडिया न्यूज), Start Up Policy: मध्य प्रदेश में स्टार्ट-अप्स को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में 4,900 से अधिक स्टार्ट-अप्स सक्रिय हैं, जो राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन स्टार्ट-अप्स के माध्यम से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कई विशेष योजनाएं और सुविधाएं शुरू की हैं।
क्या है ये पॉलिसी-
बेहतर माहौल देने के लिए सरकार ने “एमपी स्टार्ट-अप पॉलिसी एंड इंप्लीमेंटेशन स्कीम” लागू की है। इसके तहत स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचे का सहयोग और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार स्टार्ट-अप्स को उनके पहले निवेश पर कुल राशि का 18 प्रतिशत तक (अधिकतम 18 लाख रुपये) सहायता दे रही है।
महिलाओं और विशेष वर्ग
महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके अलावा इनक्यूबेटर्स को भी एक बार में 5 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
पॉलिसी के लिए अन्य सुविधाएं-
स्टार्ट-अप्स के किराए का 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 हजार रुपये प्रति माह) तीन वर्षों तक वापस किया जाएगा।
पेटेंट कराने की लागत के लिए 5 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी।
घरेलू इवेंट्स में भाग लेने पर 50 हजार रुपये* तक और अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में भाग लेने पर 1.5 लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति होगी।
स्टार्ट-अप्स को सरकारी निविदाओं में अनुभव और टर्नओवर की शर्तों में छूट दी गई है।
कुछ वर्षों में स्टार्ट-अप्स की संख्या
MP में 72 इनक्यूबेटर कार्यरत हैं, जो कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और अन्य क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा दे रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में स्टार्ट-अप्स की संख्या को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में स्टार्ट-अप्स को नई पहचान मिलेगी। राज्य में भरपूर बिजली, पानी और प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, जो निवेशकों के लिए प्रदेश को एक आदर्श स्थल बनाते हैं। इस योजना से राज्य में स्टार्ट-अप्स का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है।