India News (इंडिया न्यूज), Indore News: इंदौर प्रशासन शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के अभियान में अब भिक्षा देने वालों पर भी शिकंजा कस रहा है। लसूड़िया थाना क्षेत्र में एक कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसने मंदिर के पास एक भिक्षुक को 10 रुपये दिए थे। यह शहर में भिक्षा देने पर दर्ज होने वाला दूसरा मामला है। इससे पहले, भंवरकुआं थाना क्षेत्र में भी ऐसा ही एक मामला दर्ज किया गया था।

कलेक्टर के आदेश के बाद कार्रवाई

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने हाल ही में शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए सख्त आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत भिक्षा मांगने और देने, दोनों पर रोक लगाई गई है। अभियान के तहत भिक्षुकों को उनके गांव भेजा जा रहा है और कुछ को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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वीडियो फुटेज के आधार पर केस दर्ज

एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर के पास एक व्यक्ति द्वारा भिक्षा देने की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। वीडियो फुटेज के आधार पर कार चालक पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी, ताकि भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।”

भिक्षुकों के पुनर्वास की प्रक्रिया जारी

शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने की इस मुहिम में कई भिक्षुकों को उनके गांव पहुंचाया गया है, और कुछ को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। प्रशासन का कहना है कि भिक्षा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि यह अभियान सफल हो सके। इंदौर प्रशासन का यह कदम देशभर में चर्चा का विषय बन हुआ है। सवाल यह है कि क्या भिक्षा देने वालों पर कार्रवाई से शहर भिक्षुक मुक्त हो पाएगा? या फिर इस सख्ती से गरीब और बेसहारा लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी?