India News (इंडिया न्यूज), Stubble Burning: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पराली जलाने की घटनाओं में भारी वृद्धि देखी गई है। शुक्रवार को जिले में 137 घटनाएं दर्ज की गईं, जो राज्य के कुल 396 पराली जलाने की घटनाओं का 36 प्रतिशत हिस्सा हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के एक अध्ययन के अनुसार, इस साल 15 सितंबर से 22 नवंबर तक प्रदेश में कुल 13,309 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक हैं। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश देश में पराली जलाने के मामलों में सबसे ऊपर है।

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कलेक्टर के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गुरुवार को पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। उन्होंने वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। लेकिन कलेक्टर के आदेश के बाद भी पुलिस ने अभी तक एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पराली जलाने से संबंधित डाटा प्राप्त हुआ है और मामले की जांच जारी है। जल्द ही विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

प्रदूषण स्तर में हुई बढ़त

पराली जलाने की घटनाओं से प्रदूषण स्तर में भी वृद्धि हो रही है। प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है, जो लोगों की सेहत के लिए खतरे का कारण बन रही है। जबलपुर और प्रदेश में इस बढ़ती समस्या को लेकर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा और नागरिकों की सेहत को बचाया जा सके।

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